Hamne Tujhe Jana Hai Faqat Teri Ata Se | Allama Iqbal

हमने तुझे जाना है फ़क़त तेरी अता से सूरज के उजाले से, फ़ज़ाओं से खला से चाँद और सितारों की चमक, और ज़िया से जंगल की खमोशी से, पहाड़ों की अना से

 humne tujhe jana hai faqat teri ata se lyrics

Hamne Tujhe Jana Hai Faqat Teri Ata Se | Allama Iqbal


हमने तुझे जाना है फ़क़त तेरी अता से

सूरज के उजाले से, फ़ज़ाओं से खला से
चाँद और सितारों की चमक, और ज़िया से
जंगल की खमोशी से, पहाड़ों की अना से

पुरहौल समुन्दर से, पुरअसरार घटा से
बिजली के चमकने से, कड़कने की सदा से।

मिटटी के ख़ज़ानों से, अनाजों से ग़िज़ा से।
बरसात से, पानी से, तूफ़ान से, हवा से।

हम ने तुझे जाना है फ़क़त तेरी अता से।

गुलशन की बहारों से, तो कलियों की हया से।
मासूम सी रोती हुई शबनम की अदा से।

लहराती हुई बाद-ए-सहेर बाद-ए-सबा से।
हर रंग के, हर शान के, फूलों की खबा से।

चिड़ियों के चहेकने से, तो बुलबुल की नवा से।
मोती की नज़ाकत से तो, हीरे की जीरा से।

हम ने तुझे जाना है फ़क़त तेरी अता से।

दुनियाँ के हवादिस से, जफ़ाओं से वफ़ा से।
रंज-ओ-गम आलम से, दर्दो से, दवा से।

खुशियों से, तबस्सुम से, मरीज़ों की शिफा से।
बच्चो की शरारत से, तो माँओं की दुआ से।

नेकी से, इबादात से, लग्ज़िश से खता से।
खुद अपने ही सीने के धड़कने की सदा से।

हमने तुझे जाना है फ़क़त तेरी अता से।

इब्लीस के फ़ितने से, तो आदम की खता से।
औसाफ़-ए-बराहिम से, तो युसूफ की हया से।

और हज़रत-ए-अय्यूब की तस्लीम-ओ-रज़ा से।
ईसा की मसीहाई से, मूसा के आसा से।

नमरूद के, फिरौन के, अंजाम-ए-फ़ना से।
काबे के तखद्दुस से, तो मरवा-ओ सफा से।

तौरात से, इंजील से, क़ुरआँ की सदा से।
यासीन से, ताहा से, मुज़म्मिल से, नबा से।
एक नूर जो निकला था कभी गार-ए-हिरा से।

हमने तुझे जाना है फ़क़त तेरी अता से........!!

~ अल्लामा इक़बाल


                            Engish

Hum Ne Tujhe Jana Hai Faqat Teri Ata Se
Kaabe ke Taqaddus Se, To Marwa wa Safa se

Taoraat se, Injeel se, Quran ki Sada se
Yaseen se, Taaha se, Muzammil se Naba se

Ek Noor Jo Nikla tha Kabhi Ghaare Hira se
Hum Ne Tujhe Jana Hai Faqat Teri Ata Se

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