Be Khud Kiye Detay Hain, Andaaz E Hijabana Naat Lyrics \ बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना

Be Khud Kiye Detay Hain, Andaaz E Hijabana Naat Lyrics

Be Khud Kiye Detay Hain, Andaaz E Hijabana Naat Lyrics


बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना  

बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना


आ दिल में तुझे रख लूँ, ए जल्वा-ए-जानाना !


इतना तो करम करना, ए चश्म-ए-करीमाना !

जब जान लबों पर हो, तुम सामने आ जाना


आ दिल में तुझे रख लूँ, ए जल्वा-ए-जानाना !


क्यूँ आँख मिलाई थी, क्यूँ आग लगाई थी

अब रुख़ को छुपा बैठे कर के मुझे दीवाना


आ दिल में तुझे रख लूँ, ए जल्वा-ए-जानाना !


जी चाहता है तोहफ़े में भेजूँ मैं उन्हें आँखें

दर्शन का तो दर्शन हो, नज़राने का नज़राना


आ दिल में तुझे रख लूँ, ए जल्वा-ए-जानाना !


क्या लुत्फ़ हो महशर में ! क़दमों में गिरूँ उन के

सरकार कहें देखो, दीवाना है दीवाना !


आ दिल में तुझे रख लूँ, ए जल्वा-ए-जानाना ! 


मैं होश-ओ-हवास अपने इस बात पे खो बैठा

जब तू ने कहा हँस के, आया मेरा दीवाना


आ दिल में तुझे रख लूँ, ए जल्वा-ए-जानाना !


पीने को तो पी लूँगा, पर अर्ज़ ज़रा सी है

अजमेर का साक़ी हो, बग़दाद का मय-ख़ाना


आ दिल में तुझे रख लूँ, ए जल्वा-ए-जानाना !


बेदम ! मेरी क़िस्मत में चक्कर हैं इसी दर के

छूटा है न छूटेगा मुझ से दर-ए-जानाना


Be Khud Kiye Detay Hain, Andaaz E Hijabana Naat Lyrics


 Be Khud Kiye Detay Hain, Andaaz E Hijabana

Aa Dil Mein Tujhe Rakh Loon, Ay Jalwa E Janana


Kyun Aankh Milayi Thi, Kyun Aag Lagayi Thi

Ab Rukh Ko Chupa Baithe, Kar Kay Mujhe Deewana.

Aa Dil Mein Tujhe Rakh Loon…


Jee Chahata Hai Touhfe Mein Behjun Main Unhein Aakhein

Kay Darshan Ka To Darshan Ho, Nazrane Ka Nazrana.

Aa Dil Mein Tujhe Rakh Loon…


Kyun Aankh Milayee Thi, Kyoon Aag Lagayee Thi

Ab Rukh Ko Chupa Baitha Kar Key Mujhe Dewana.

Aa Dil Mein Tujhe Rakh Loon…


Peene Ko To Pee Loun Ga Per Arz Zara Si Hai

Kay Ajmer Ka Saaqi Ho, Baghdad Ka Maikhana.

Aa Dil Mein Tujhe Rakh Loon…


Bedam Meri Kismat Mein Sajday Hain Usi Ghar Kay

Chota Hai Na Choute Ga Sang E Dar E Janana.


Aa Dil Mein Tujhe Rakh Loon...


बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना    बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना    आ दिल में तुझे रख लूँ, ए जल्वा-ए-जानाना !    इतना तो करम करना, ए चश्म-ए-करीमाना !  जब जान लबों पर हो, तुम सामने आ जाना    आ दिल में तुझे रख लूँ, ए जल्वा-ए-जानाना !    क्यूँ आँख मिलाई थी, क्यूँ आग लगाई थी  अब रुख़ को छुपा बैठे कर के मुझे दीवाना    आ दिल में तुझे रख लूँ, ए जल्वा-ए-जानाना !    जी चाहता है तोहफ़े में भेजूँ मैं उन्हें आँखें  दर्शन का तो दर्शन हो, नज़राने का नज़राना    आ दिल में तुझे रख लूँ, ए जल्वा-ए-जानाना !    क्या लुत्फ़ हो महशर में ! क़दमों में गिरूँ उन के  सरकार कहें देखो, दीवाना है दीवाना !    आ दिल में तुझे रख लूँ, ए जल्वा-ए-जानाना !     मैं होश-ओ-हवास अपने इस बात पे खो बैठा  जब तू ने कहा हँस के, आया मेरा दीवाना    आ दिल में तुझे रख लूँ, ए जल्वा-ए-जानाना !    पीने को तो पी लूँगा, पर अर्ज़ ज़रा सी है  अजमेर का साक़ी हो, बग़दाद का मय-ख़ाना    आ दिल में तुझे रख लूँ, ए जल्वा-ए-जानाना !    बेदम ! मेरी क़िस्मत में चक्कर हैं इसी दर के  छूटा है न छूटेगा मुझ से दर-ए-जानाना


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