अस्स्लामू अलैकुम दोस्तों जब कभी हम सफर पर जाते है तो कभी -कभी बहुत से लोग गूगल पर सफर की दुआ भी सर्च करते है, आज इस पोस्ट में हम आपको सफर की दुआ के साथ - साथ इसके फायदे और इसका सही तरीक़ा बताने वाले है सफर में जाने की और आने की दुआ के बारे में पूरी मालूमात देने वाले है
इस्लाम मजहब के अंदर सफर करना भी इबादत है और ज़िन्दगी के हर मसले पर रहनुमाई है इसलिए आपको दोराने सफ़र ्दुआ जरूर पढ़नी चाहिए इस्लाम मजहब में पैदा होना और हुजूर सल्ललाहो अलैहि व सल्लम की उम्मत में पैदा होना! हम सब के लिए फ़क़्र की बात है प्यारे आका हुजूर सल्ललाहो अलैहि व सल्लम ने हर छोटे बड़े काम लिए बेहतरीन तरीके बताये है लिहाज़ा आप जब भी घर से बाहर निकले तो घर से बाहर जाते वक़्त की दुआ पढ़ लिया करे और जब भी कही बाहर का सफर करे तो दुआए सफ़र {Safar ki dua} भी जरूर पढ़ लिया करे हम आपको पूरी सफर की दुआ बताएगे
सफर की दुआ पढ़ने का तरीक़ा
सबसे पहले आप बिस्मिल्लाहहिर्रहरामनिर्रहीम और तीन-तीन बार दुरूद शरीफ पढ़ कर आसमान की तरफ अपना मुँह करके फूंक मार दे.इस दुआ का इतना असर हैं की, इस दुआ से सफर में आपकी हिफाजत होगी,आप पर रहमत होगी,आपकी सफर की मुराद पूरी होगी,आपको गैबी मदद भी हासिल होगी।
سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَـٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ-
सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबुन.
Subhanallazi sakhkhara lana haaza wama kunna, lahoo muqrineen, wa inna ila Rabbina Lamunqalibun
वो पाक है जिसने इसको हमारे काबू में कर दिया और हम में ताकत न थी कि इसको काबू में कर लेते और हमको अपने रब की तरफ़ ही लौट कर जाना है.
सफर की दुआ पढ़ने के बाद तीन बार अल्हम्दु लिल्लाह और तीन बार अल्लाहु अकबर कहें उसके बाद कैसा भी सफर हो चाहे आप बाइक, बस, रेल, हवाई जहाज़ या पानी के जहाज़ में! हमेशा सफर की दुआ पढ़कर ही सफर शुरू करना चाहिए !
इस्लाम जैसे खूबसूरत मज़हब में पैदा होना ! और हुजूर सल्ललाहो अलैहि व सल्लम की उम्मत में पैदा होना! हम सब के लिए फ़क़्र की बात है !हमारे प्यारे आका हुजूर सल्ललाहो अलैहि व सल्लम ने हमें ! हर छोटे बड़े काम को करने के लिए बेहतरीन तरीके बताये है!
हमें चाहिए ! की हम हुजूर सल्ललाहो अलैहि व सल्लम के बताये हुए ! रास्ते पर चलते हुए अपनी जिंदगी गुजारे !
लिहाज़ा आप जब भी घर से बाहर निकले तो घर से बाहर जाते वक़्त की दुआ पढ़कर निकला करे और जब भी कही बाहर का सफर करे तो Safar कि dua भी जरूर पढ़ लिया करे|
घर से बहार निकलते समय ये दुआ ज़रूर पड़े
بِسْمِ اللّٰهِ ، تَوَكَّلْـتُ عَلى اللّٰهِ لاٰ حَوْلَ وَلاٰ قُـوَّةَ إِلاّ بِاِللّٰهِ
बिस्मिल्लाही तवक्कलतु ‘अलल्लाही ला हवला वला क़ूव्वता इल्ला बिल्लाह।
Bismillahi tawakklatu ‘Alallahi la hawla wala qoowwata illa billah.
घर से निकलने की दुआ तर्जुमा के साथ मैं अल्लाह पाक का नाम लेकर घर से निकल रहा हूं और मैं सिर्फ़ अल्लाह पाक पर ही भरोसा करता हूं ।छोटे व बड़े गुनाहों को रोकने और नेकी, इबादत करने की ताकत अल्लाह पाक ही की तरफ से है।
ऊपर हमने सफर की दुआ हिंदी में बताई है ! ! और याद कर सकते है इससे पुरे सफर में आपकी हिफाज़त रहती है , और दौराने सफर में आने वाली परेशानी से भी इंसान बचा रहता है|