स्वागत उर्दू शायरी Hindi | Top Welcome Poetry Urdu In Hindi | Swagat Shayri Urdu In Hindi

स्वागत उर्दू शायरी Hindi | Top Welcome Poetry Urdu In Hindi | Swagat Shayri Urdu In Hindi

 स्वागत उर्दू शायरी Hindi | Top Welcome Poetry Urdu In Hindi | Swagat Shayri Urdu In Hindi


वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है  कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं

वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है 

कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं 


तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों  ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है

 

वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है  कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं 
सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी  तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी

सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी 

तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी 


शुक्रिया तेरा तिरे आने से रौनक़ तो बढ़ी  वर्ना ये महफ़िल-ए-जज़्बात अधूरी रहती

 
शुक्रिया तेरा तिरे आने से रौनक़ तो बढ़ी
 वर्ना ये महफ़िल-ए-जज़्बात अधूरी रहती


मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी


मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी 

किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी


 

ग़ैरों से तो फ़ुर्सत तुम्हें दिन रात नहीं है हाँ मेरे लिए वक़्त-ए-मुलाक़ात नहीं है


ग़ैरों से तो फ़ुर्सत तुम्हें दिन रात नहीं है 

हाँ मेरे लिए वक़्त-ए-मुलाक़ात नहीं है


 

काफ़ी नहीं ख़ुतूत किसी बात के लिए तशरीफ़ लाइएगा मुलाक़ात के लिए


काफ़ी नहीं ख़ुतूत किसी बात के लिए 

तशरीफ़ लाइएगा मुलाक़ात के लिए


सुनते रहे हैं आप के औसाफ़ सब से हम मिलने का आप से कभी मौक़ा नहीं मिला

 


 सुनते रहे हैं आप के औसाफ़ सब से हम

 मिलने का आप से कभी मौक़ा नहीं मिला


 

बाज़ औक़ात किसी और के मिलने से 'अदम' अपनी हस्ती से मुलाक़ात भी हो जाती है


बाज़ औक़ात किसी और के मिलने से 'अदम' 

अपनी हस्ती से मुलाक़ात भी हो जाती है


 

आप ठहरे हैं तो ठहरा है निज़ाम-ए-आलम आप गुज़रे हैं तो इक मौज-ए-रवाँ गुज़री है


आप ठहरे हैं तो ठहरा है निज़ाम-ए-आलम
 आप गुज़रे हैं तो इक मौज-ए-रवाँ गुज़री है



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